Instructions and precautions for yoga exercises

Parameters that make us feel relaxed,relate,revive,rejoice,,reflect, recuperate,relive,reexplore the motive of life . Once interests,opinions, behaviours of an individual,group or culture is reflected . That 's Human nature and is going to persist unless we ourselves think of change ,.......
क्या आप सही मायनो में खुश है ?
सवयं तय कीजिए। अगर हाँ तो खुशियाँ बांटने के एम्बेसडर बन जाइए।
खुशियाँ क्या है ?
मनोविज्ञान में खुश होना या रहना भावनात्मक या मानसिक स्थिति को दर्शाता है। जो सकारात्मक या सुखद भावना एवं संतोष से लेकर गहन आनंद को दर्शाता है। जो इंसान अपना अंदर या मन से महसूस करता है।
क्या खुश रहना कठिन है या फिर आसान ?
अपना आत्ममंथन कीजिए ये पढ़ते हुए।
हमारे लिया माल,क्लब,फ़ूड कोर्ट है खुशियाँ पाने के लिए पर इस कोरोना वायरस के दौर में सोचिए खुशियाँ पाने का आउटलेट होता तो।
मुझे लगता है की ये आउटलेट एक अच्छा खासा कमाई का जरिया बन जाता।
आप का क्या विचार है ? ऐसा होता तो क्या होता ?
हम सब दौड़ पड़ते या फिर लाइन में भी खड़े हो जाते खुशियाँ खरीदने के लिए।
क्यों की हम सब खुशियाँ पाना चाहते है।
हम में से कुछ लोगों अच्छा ख़ासा कमा लेते हैं ,सारी सुख सुविधा है पर फिर भी मानसिक रूप से सन्तुष्ट नहीं हैं।
हम में से कुछ लोगों ठीक-ठीक कमा लेते हैं, पर ज्यादा सुख सुविधा के लिए और कमाने का ज़रिया देखते है।
हम में से कुछ लोगों इतना कमा लेता है की आज का गुजर बसर हो जाए , सन्तोष समझते है।
आप लोगे ने कभी बैठकर ये आत्ममंथन किया की सारी उम्र हम क्या ढूंढ ने में लगा रहे हैं ?
सच बात ये है की हम सारी उम्र छोटी छोटी खुशियाँ पाने ,खोजने ,ढूंढने में लगे रहते हैं।
क्यों की पैसा हमको आज़ादी देता है ,अपनी छोटी छोटी जरूरत को पूरा करने का लिए ,तो हम सब पैसे के पीछे भागते है ,पर भूल जाते है की इससे मिलने वाली ख़ुशी थोड़े समय के लिया है। पर क्यूंकि पैसा हमें अपनी रोजमरा या ज़रूरतों को पूरा करने का एक माधयम है ,जो हमको चिंता मुक्त करता है ,पैसे के पीछे हो लेते है। पर ये भूल जाते है की इससे मिलने वाली ख़ुशी क्षणभर की है।
चलिए आपको एक उदहारण के तोर' पर समझाते है। ...
मान लीजिए की आज आप वह दिन है जिसमें आप आपने मन मुताबिक जी भरकर शॉपिंग करने गए ,जिसकी आपको काफ़ी समय से प्रतीक्षा थी। खूब सारी शोपिंग की और अच्छा खाना खाया की मन भर गया। उस दिन के अंत में आप एक चैन ,सूकन की नींद लेंगे और आपके जहन में एक खूबसूरत याद रहेगी।
पर अगले दिन क्या ?
आप अपनी रूटीन में आ जायेंगे ,पर अभी भी वह मीठी यादें आपके दिलो दिमाग में होगी। पर वह खूबसूरत लमहे कितने दिन तक होंगे ?
फिर एक खालीपन और चीजो की इच्छा जागृत होगी। आपकी खुशियों के पल समाप्त हो जाएगी।
तो आपने क्या समझा ?
हम लोग भौतिक चीजों की ओर भागते है , जो हमको थोड़ी देर की ख़ुशी देती है.
एक सम्पूर्ण खुशी कैसे मिलती है।
हम जब अपनी आत्मा से शांत होते है या खुश होते है।
ये सम्पूर्ण शांति कैसे मिलती है ?
किसकी देखभाल करने से , बांटने से , या देने से। मतलब की इंसान का बीच परस्पर अच्छा संबंध बनाने से।
अब अपने जीवन के चक्र को पीछे ले जाओ और सोचो आप पिछली बार कब खुश हुए थे ,आप को जवाब मिल जाएगा।
खुशियाँ बांटने से ,किसका जीवन सुधरने से,उसके जीवन में बदलाव लाने से
सोचिए ?
अपने कब सूकन चैन पाया ,वही आपकी एक अविस्मरणीय ख़ुशी है जो आपको जीवन भर याद रहेगी।
मुझे लगता है की आप इससे इत्तफाक करेगे।
सोचिए मिलबाँट कर या किसके साथ शेयर करना पर कैसा लगा..
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