Instructions and precautions for yoga exercises

Parameters that make us feel relaxed,relate,revive,rejoice,,reflect, recuperate,relive,reexplore the motive of life . Once interests,opinions, behaviours of an individual,group or culture is reflected . That 's Human nature and is going to persist unless we ourselves think of change ,.......
हमारी एजुकेशन सिस्टम
७६ साल हो गए देश को आज़ाद हुआ पर अभी भी हमारी शैक्षणिक दिशा में कोई ख़ास परिवर्तन नहीं हुआ। क्यों ?
कई राज नेताओ ने इसे तवजू नहीं दी. पर अब .....
२. पढ़ो केवल मार्क्स लाने के लिए या फिर आज कल परसेंटेज या परसेंटाइल का दौर शरू हो गया है।
३. कम्पटीशन का ज़माना हो गया है।
४. करो या मारो का नारा बुलंद हो गया है। बच्चा क्या करे ,पेरेंट्स ,टीचर्स और पीअर्स का प्रेशर झेल नहीं पाता तो एक्सट्रीम स्टेप ले लता है.मुझे बोलने की ज़रूत नहीं।
५. शिक्षा प्रणाली ऐसी होनी चाहिए जिसमे बच्चा पढ़ने
के साथ उसको प्रक्टिकली करे। फिर उसे पढ़ना में इंटरेस्ट भी आएगा और वह याद भी हो जाएगा, रटने की ज़रूत नहीं पड़ेगी
६. वीडियो एक जरिया हो सकता है पर उसको माध्यम मत बनाइये. खुद हाथों से किया कोई भी काम ज़िंदगी भर याद रहता है. वह एक बेहतर माध्यम है.
७. ८ वी क्लास तक सभी विषओं की पढ़ाई करे पर १०वी से उसके मन पसंद विषय चुन कर पढने की स्वतंत्रता हो।
८. ३.५ साल के बच्चों को हल्का फुल्का इंट्रोडक्शन हो पर आज कल तो बुक्स पे बुक्स है जो उनको लिखना याद करना और पढ़ना है।
ऐसे बच्चो का विकास नहीं उसके बचपन का पतन हो रहा है. सरकार को पालिसी बनाने टाइम ध्यान देना होगा.प्राइवेट स्कूल में तोऔर भी बुरा हाल है।
९. छोटे बच्चों को रिटेन टेस्ट देना है और पेरेंट्स का भी इंटरव्यू हो रहा है.अगर कोई पेरेंट्स पढ़ा लिखा नहीं है तो उनके बच्चो को अच्छे स्कूल में पढ़ने का कोई अधिकार नहीं.क्यों?
हर पेरेंट्स का सपना होता है की उनका बच्चाअच्छा पढ़ लिख जाए ,जो वह अपनी ज़िंदगी में नहीं कर सका उनका बच्चा करे। क्या यह गलत है .
इस साल सरकार ने नई एजुकेशन पॉलिसी २०२० को रखा।
जिस में ५ +३+३+४ फॉर्मेट किया ,मतलब १२ साल तक स्कूल करेगा और ३ साल की आंगनवाड़ी और प्री -स्कूल होगा.
जिस में प्राथमिक स्कूल से उच्च एजुकेशन होगा वोकेशनल ट्रेनिंग का साथ जो एक अच्छी पहल होगी।
पर इस सिस्टम को धीरे -धीरे कई चरणों में लागू किया जाएगा जो २०३० तक होना की संभावना है।
या सिस्टम ६ से १४ साल तक के बच्चों लिए लागू होगा |पेपर पर या सुन ने में तो अच्छा लग रहा है पर जब इस का पहला चरण होगा तोह हम सब को अंदाज़ा लग जाएगा।
वोकेशनल ट्रेनिंग से बच्चा आत्मा निर्भर ,स्वावलम्बी बन सकेगा जो आज के दौर की प्रथम आवश्यकता है।
पढ़ाई जब वह दिल से करेगा तो बोल उठेगा
आल इस वेल ,३ इडियट्स मूवी याद आई
आप के बच्चो का किस फील्ड में झुकाव है उसे समझना होगाऔर प्रोत्साहन देना होगा ,तभी वह एक अच्छा नागरिक और इंसान बन सकेगा।
बच्चों को सिर्फ सक्सेस नहीं फेलियर से भी कैसे डील करना है हम को सीखना होगा।
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